कांग्रेस को बहुमत मिलने की स्थिति में हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने की बात कहते हुए वरिष्ठ पार्टी नेता कुमारी शैलजा ने शुक्रवार को कहा कि लोगों की ‘‘व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर’’ महत्वाकांक्षाएं होती हैं और उन्होंने पूछा कि ‘‘ऐसा क्यों नहीं’’।

कांग्रेस नेता शैलजा कुमारी शुक्रवार को नई दिल्ली में पीटीआई के साथ साक्षात्कार के दौरान। (पीटीआई)

सिरसा से लोकसभा चुनाव जीतने के कुछ महीनों बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के प्रमुख दलित चेहरे ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई और कहा कि वह राज्य में काम करना चाहती हैं लेकिन इस मामले पर अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुख्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में शैलजा ने गुटबाजी से चुनावों में पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचने की बात को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आने पर सभी लोग ‘‘एक कांग्रेस खेमे’’ के तौर पर जमीनी काम में जुट जाते हैं।

अगले महीने 62 साल की होने वाली शैलजा ने कहा, “मैं बहुत व्यावहारिक हूं और मैं आपको बहुत खुलकर जवाब दूंगी। किसी भी संगठन में हमेशा धक्का-मुक्की और अपनी जगह बनाने की होड़ लगी रहती है। यह किसी भी संगठन का हिस्सा है और यह हमेशा रहेगा। महत्वाकांक्षा, काम करना, अपनी जगह बनाने की होड़, यह सब कुछ होता है। लेकिन इतना कहने के बाद, (यह तब तक होता है) जब तक टिकट (घोषित नहीं हो जाते)। मैं यह भी कहूंगी कि जब चुनाव आते हैं…हर कोई जमीनी काम में जुट जाता है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या हरियाणा कांग्रेस में विभिन्न खेमे एक साथ आएंगे, उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी की अपनी महत्वाकांक्षा है…यह कांग्रेस खेमा है, आखिरकार सभी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने वरिष्ठ नेताओं द्वारा चुनाव से पहले अलग-अलग प्रचार कार्यक्रम चलाने के बारे में गुटबाजी की बात को भी खारिज कर दिया और कहा कि वे सभी कांग्रेस के लिए ऐसा कर रहे हैं।

चुनाव बाद गठबंधन की संभावना पर चर्चा करते हुए शैलजा ने कहा कि कोई त्रिशंकु विधानसभा नहीं होगी और कांग्रेस को “शानदार बहुमत” मिलेगा।

उन्होंने कहा, “हम जमीनी स्तर पर लोगों के संपर्क में हैं। वे पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और विधानसभा चुनाव में भी बहुत अच्छे नतीजे आएंगे और हम सरकार बनाएंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करेगी, शैलजा ने कहा कि पार्टी के काम करने के कुछ तरीके हैं।

“जब आप सरकार में होते हैं, तो जाहिर है कि सीएम रह चुका व्यक्ति ही पार्टी का नेतृत्व करता है। लेकिन जब आप विपक्ष में होते हैं, तो पार्टी शायद ही कभी मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश करती है।” कांग्रेस के बहुमत मिलने की स्थिति में क्या वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं, इस सवाल पर शैलजा ने कहा, “व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर लोगों की अपनी महत्वाकांक्षाएं होती हैं। क्यों नहीं?” हरियाणा के भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखे जाने पर उन्होंने कहा, “यह मेरी पार्टी और हाईकमान को तय करना है।” यह पूछे जाने पर कि क्या उनका कोई अधूरा काम या लक्ष्य है, उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से, राज्य में मेरी भूमिका है। मैं इस बारे में कोई संकोच नहीं करती।” उन्होंने यह भी कहा कि वह लंबे समय तक केंद्र में काम कर चुकी हैं और अब वह राज्य स्तर पर जाना चाहेंगी।

उन्होंने कहा, “मैंने केंद्र में बहुत राजनीति की है, मैं राज्य स्तर पर काम करना चाहती हूं। लोगों के काम राज्य से ज़्यादा जुड़े होते हैं। इसलिए मैं राज्य में काम करना चाहती हूं, बाकी सब आलाकमान को तय करना है, लेकिन हां, मैं निश्चित रूप से ऐसा चाहती हूं।” कांग्रेस द्वारा “जाति जनगणना” की बात करने के बाद, क्या उन्हें लगता है कि आगामी चुनावों में दलित समुदाय से एक मुख्यमंत्री होना चाहिए? उन्होंने कहा कि जाति देश में एक वास्तविकता है।

“इसमें कोई दो राय नहीं है कि अनुसूचित जातियों ने कांग्रेस के लिए बड़ी संख्या में वोट दिया है और वे कांग्रेस की रीढ़ रहे हैं, इसलिए उम्मीदें भी हैं। अगर दूसरे लोग या दूसरे वर्ग खुद को सीएम पद के लिए पेश करते हैं, तो जागरूकता बहुत बढ़ जाती है और इसलिए सवाल उठता है कि एससी समुदाय से क्यों नहीं?” उन्होंने कहा, “हमें भी खड़े होकर यह कहने का आत्मविश्वास होना चाहिए कि हम क्यों नहीं।”

चुनाव आयोग ने पिछले शुक्रवार को घोषणा की थी कि 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव एक अक्टूबर को होंगे और नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किये जायेंगे।


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