25 सितंबर, 2024 03:43 PM IST

आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की, जिसमें वर्क फ्रॉम होम और कृत्रिम बारिश जैसे आपातकालीन उपायों का सुझाव दिया गया।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए शीतकालीन कार्य योजना का अनावरण किया, जिसके आधार पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का लक्ष्य शहर में वायु प्रदूषण को रोकना है। आप सरकार ने अगले कुछ महीनों के लिए 21-सूत्रीय कार्य योजना का अनावरण किया, जिसमें कार्यालयों के लिए घर से काम (WFH) और कृत्रिम बारिश जैसे आपातकालीन उपाय शामिल हैं।

दिल्ली में धूल प्रदूषण को कम करने के लिए एक एंटी-स्मॉग गन वातावरण में पानी का छिड़काव करती है (साकिब अली/एचटी फोटो)

राय ने कहा, “इस वर्ष हमारा थीम ‘मिल कर चले, प्रदूषण से लड़े’ है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आप सरकार बुधवार से इस पर काम करना शुरू कर देगी।

कार्ययोजना पर बोलते हुए गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्रों पर ड्रोन का उपयोग करके निगरानी की जाएगी। इन क्षेत्रों में उच्च वायु प्रदूषण के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए ड्रोन की निगरानी वास्तविक समय में की जाएगी।

दिल्ली शीतकालीन कार्य योजना: प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपाय

आप सरकार प्रदूषण के मुख्य कारणों की पहचान करने के लिए हॉटस्पॉट में ड्रोन तैनात करेगी और उन इलाकों में एंटी-स्मॉग गन तैनात करेगी, जिसकी आवृत्ति इस साल बढ़ाई जाएगी। सरकार धूल-रोधी अभियान भी चलाएगी और पूरी दिल्ली में सड़क सफाई मशीनें तैनात करेगी।

राय ने कहा, “इस वर्ष भी पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया जाएगा और अधिसूचना जारी होने के बाद प्रतिबंध पूरी तरह लागू हो जाएगा। जीआरएपी (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) चरण लागू होंगे और खुले में कचरा जलाने पर नियंत्रण के लिए 588 टीमें बनाई गई हैं।”

मंत्री ने आगे कहा कि उच्च प्रदूषण के कारण आपातकालीन स्थिति की स्थिति में, कार्यालयों के लिए घर से काम करने और निजी वाहनों के उपयोग में स्वैच्छिक कमी को प्रोत्साहित किया जाएगा। वाहनों के लिए ऑड-ईवन योजना को भी प्रदूषण के चरम मौसम के दौरान लागू किया जा सकता है।

दिल्ली सरकार 1 से 15 नवंबर तक शहर के AQI में सुधार के लिए कृत्रिम वर्षा की भी तैयारी कर रही है, क्योंकि दिवाली और पराली जलाने के कारण प्रदूषण बहुत अधिक होता है।

छह सदस्यों वाली एक विशेष टास्क फोर्स गठित की गई है जो प्रदूषण के स्तर पर निगरानी रखेगी और तदनुसार कार्रवाई करेगी।

(पीटीआई से इनपुट्स सहित)

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