मामले से अवगत दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि एक घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने खुद को सीमा शुल्क और पुलिस अधिकारी बताकर लोगों से लाखों रुपये ठगे और उन्हें बताया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है।

कॉल करने वाले ने दावा किया कि पीड़ित के आधार कार्ड और फोन नंबर का उपयोग करके एक पार्सल बुक किया गया था, जिसमें पासपोर्ट, बैंक कार्ड, कपड़े, एक लैपटॉप, नकदी और ड्रग्स शामिल थे। (फाइल फोटो)

उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर कुल 72 मामले दर्ज किए गए।

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पुलिस ने बताया कि इनमें से एक आरोपी के खाते में 32,065,003 रुपये जमा पाए गए। उन्होंने बताया कि वे सभी चीनी नागरिकों के इशारे पर काम कर रहे थे और कमीशन कमाने के लिए लेनदेन के लिए अपने बैंक खाते उपलब्ध कराये थे।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) (पूर्व) अपूर्व गुप्ता ने कहा कि आरोपियों की पहचान हरियाणा के रोहतक निवासी अंश कुमार (24) और समर्थ (23), उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी प्रांजल कुमार साहनी (24), मध्य प्रदेश के मुरैना निवासी सतेंद्र धाकड़ (29), महाराष्ट्र के पनवेल निवासी वेदांत प्रभाकर (26) और दिल्ली के किराड़ी निवासी विशाल जोशी (25) के रूप में हुई है।

डीसीपी गुप्ता ने बताया कि 30 अप्रैल को उन्हें वसुंधरा एन्क्लेव निवासी दीपांशु वैद नामक व्यक्ति की शिकायत मिली थी, जिसमें बताया गया था कि उसे गत दिवस एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था तथा कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई स्थित फेडेक्स एक्सप्रेस का कर्मचारी बताया था।

“कॉल करने वाले ने दावा किया कि उसके आधार कार्ड और फोन नंबर का उपयोग करके एक पार्सल बुक किया गया था, और उसमें पासपोर्ट, बैंक कार्ड, कपड़े, एक लैपटॉप, नकदी और ड्रग्स थे। इसलिए, कॉल को मुंबई साइबर पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया। कानूनी उलझनों से बचाने के बहाने, कॉल करने वाले ने उसे ठगा गुप्ता ने कहा, ‘‘इसकी कीमत 2.49 लाख रुपये है।’’

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की अन्य धाराओं के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।


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