दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मंडोला में एक सब-स्टेशन में आग लगने के बाद पूर्वी, मध्य और दक्षिणी दिल्ली सहित कई हिस्सों में बिजली कटौती हुई।

बिजली कटौती से दिल्ली में कुछ जल उपचार संयंत्रों के संचालन पर भी कुछ समय के लिए असर पड़ा। (सांकेतिक फाइल फोटो)

मंत्री ने प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि दिल्ली को लगभग 1,200 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने वाले पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के सब-स्टेशन में दोपहर लगभग 2:11 बजे आग लग गई, जिसके बाद दिल्ली के कुछ हिस्सों में दो घंटे से अधिक समय तक बिजली नहीं रही।

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आतिशी ने दोपहर 3:49 बजे पोस्ट किया, “दिल्ली को मंडोला सब-स्टेशन से 1,200 मेगावाट बिजली मिलती है, और इसलिए दिल्ली के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं। बिजली बहाली की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और अब धीरे-धीरे विभिन्न क्षेत्रों में बिजली वापस आ रही है।” उन्होंने आगे कहा कि यह राष्ट्रीय बिजली ग्रिड में एक बड़ी विफलता थी।

उन्होंने कहा, “मैं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और पीजीसीआईएल के चेयरमैन से मिलने का समय मांग रही हूं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी स्थिति दोबारा न हो।”

दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) के एक अधिकारी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आग मंडोला स्थित 400 केवी सबस्टेशन में लगी।

अधिकारी ने बताया, “बिजली दादरी से मंडोला तक आती है, उसके बाद उसे दिल्ली के कुछ हिस्सों में सप्लाई किया जाता है। यह स्टेशन मुख्य रूप से पूर्वी दिल्ली को बिजली प्रदान करता है, जो सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।” उन्होंने बताया कि दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में शाम 4 बजे के बाद बिजली बहाल हो गई।

बिजली कटौती से दिल्ली में कुछ जल उपचार संयंत्रों के संचालन पर भी कुछ समय के लिए असर पड़ा।

डीजेबी के एक अधिकारी ने बताया कि वजीराबाद और चंद्रावल सहित कम से कम चार जल उपचार संयंत्रों का संचालन दोपहर करीब ढाई बजे प्रभावित हुआ था, लेकिन अब इसे बहाल कर दिया गया है।

डीजेबी के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “दोपहर 3:30 बजे के बाद संयंत्र सामान्य रूप से चलने लगा।”

दिल्ली को पानी की आपूर्ति के लिए डीजेबी नौ जल उपचार संयंत्र संचालित करता है।

दिल्ली के कुछ हिस्से पिछले दो दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में हैं और मंगलवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।

बिजली अधिकारियों ने बताया कि उच्च तापमान के कारण पिछले तीन सप्ताह से दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 7,000 मेगावाट पर बनी हुई है।

दिल्ली की बिजली की मांग 29 मई को 8,302 मेगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गयी थी।


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