हरियाणा सरकार ने गुरुवार को दिल्ली के जल मंत्री द्वारा लगाए गए राज्य द्वारा अपर्याप्त जलापूर्ति के आरोपों को “निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत” बताया और कहा कि हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी को निर्धारित 719 क्यूसेक से अधिक 1,050 क्यूसेक पानी उपलब्ध करा रहा है।

दिल्ली में पिछले दो सप्ताह से पानी की भारी किल्लत चल रही है। (विपिन कुमार/एचटी फोटो)

हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री अभय सिंह यादव ने कहा कि जलापूर्ति पर दिल्ली सरकार का आरोप “निराधार एवं भ्रामक” है।

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यादव ने कहा, “दिल्ली सरकार पानी के मुद्दे पर राजनीतिक ड्रामा कर रही है… हरियाणा पानी को एक ज़रूरत मानता है, न कि एक राजनीतिक हथियार। दिल्ली में पानी की कमी हरियाणा की आपूर्ति के बजाय आंतरिक कुप्रबंधन के कारण है।”

उन्होंने कहा कि 23 मई से 12 जून 2024 के बीच के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा ने मुनक हेड से बवाना पॉइंट तक 1,050 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की, जो ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (यूवाईआरबी) के 719 क्यूसेक के आदेश से अधिक है। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार को हरियाणा पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय अपने कुप्रबंधन को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।”

यादव ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों ने हरियाणा के जल आपूर्ति आंकड़ों की बार-बार जांच की है और इसकी सत्यता की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, “किसी भी एजेंसी ने हरियाणा को दिल्ली को कम पानी की आपूर्ति करने का दोषी नहीं पाया है। हरियाणा सरकार ने 13 जून, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली द्वारा दायर याचिका के जवाब में विस्तृत डेटा प्रदान किया, जिसमें जल आपूर्ति समझौतों का पालन करने की पुष्टि की गई।”

यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या हरियाणा ने लगातार पूरा पानी दिया है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के आदेश के बाद भी दिल्ली ने हरियाणा पर आरोप लगाने के बजाय हिमाचल से पानी क्यों नहीं मांगा।


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