दिल्ली के शानदार संडे बुक बाज़ार का फ़ायदा उठाने के एक से ज़्यादा तरीक़े हैं। हर हफ़्ते आसफ़ अली रोड पर महिला हाट के प्रदर्शनी ग्राउंड में दुनिया भर से मंगवाई गई हज़ारों पुरानी किताबें रखी जाती हैं। इनमें से कई पेपरबैक में उनके भूतपूर्व मालिकों की छोटी-छोटी चीज़ें हैं- रसीदें, कार्ड, पत्र, अख़बार की कतरनें, तस्वीरें, फूल वगैरह। ये किताबें किताबों के पन्नों के बीच दबी हुई हैं, पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस रिपोर्टर ने कई रविवारों में ऐसी सैकड़ों किताबें इकट्ठी की हैं। हर टुकड़ा समय और स्थान से परे है, कभी-कभी किसी अनजान व्यक्ति की रोज़मर्रा की ज़िंदगी के ताने-बाने के बेहद करीब ले जाता है। यहाँ एक नमूना है।

प्रत्येक टुकड़ा समय और स्थान से परे है, कभी-कभी किसी अज्ञात व्यक्ति के दैनिक जीवन की बनावट के करीब ले जाता है। (एचटी फोटो)

1. हिंदुस्तान टाइम्स की पीली पड़ चुकी फटी हुई कतरन (शीर्षक आसानी से पहचाना जा सकता है) दिनांक 5 अप्रैल, 1967। इसमें पार्क की तस्वीर दिखाई गई है, जिसका शीर्षक है: “परीक्षाओं का बुखार: नई दिल्ली के लोदी गार्डन में दो छात्र अपनी किताबों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, यहां तक ​​कि पृष्ठभूमि में दोपहर के सुखद वातावरण से भी बेखबर।” (यह सुखद वातावरण स्पष्ट रूप से तस्वीर में चुपके से कैद किए गए रोमांटिक जोड़े को संदर्भित करता है!)

2. नीदरलैंड के डिमेन से एम्स्टर्डम सेंट्रल तक ट्रेन टिकट, 4.80 यूरो, दिनांक 31 मार्च 2019।

3. मूंछ वाले आदमी की पीली पड़ती तस्वीर, 1904 की। बहुत पहले ऐसे प्रिंट प्रारूप फोटोग्राफी के शुरुआती वर्षों में आम थे और उन्हें कार्टेस-डे-विजिट कहा जाता था।

4. लंदन के फोस्टर बुक्स बुकस्टोर का बुकमार्क, जिसमें वर्जीनिया वूल्फ का एक कथन अंकित है – “सेकंड हैंड किताबें जंगली किताबें हैं, बेघर किताबें हैं।”

5. संभवतः दिल्ली के एक समाचार पत्र की कटिंग, जिसका शीर्षक था “चाणक्यपुरी रहेगी, चाणक्य जाएंगे”।

6. हैम्बर्ग में रुडोल्फ नूरेयेव के बैले के लिए पंच किया गया टिकट। दिनांक 22 अप्रैल। वर्ष का उल्लेख नहीं; लेकिन 1993 से पहले का है, जिस वर्ष महान नर्तक की मृत्यु हुई थी।

7. लंदन के संडे टाइम्स से लिवरपूल में एच. थेर्ले, एस्क्यू. को भेजा गया टाइप किया हुआ पत्र, दिनांक 3 सितंबर, 1962। संपादक की ओर से अखबार के तत्कालीन संगीत समीक्षक डेरेक ज्वेल द्वारा हस्ताक्षरित, जिनकी 1985 में मृत्यु हो गई।

“प्रिय महोदय,

संपादक महोदय को आपके पत्र को स्वीकार करने में हुई देरी के लिए खेद है, जिसके लिए वे आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं। इसे प्रकाशित करने की उम्मीद थी, लेकिन दुर्भाग्य से स्थान के दबाव के कारण यह असंभव हो गया। आपका भवदीय…”

8. कागज का हस्तलिखित पन्ना जिसमें वर्मीर की सभी पेंटिंग्स की सूची दी गई है, तथा उन्हें उन शहरों के नाम पर समूहीकृत किया गया है जहां वे उस समय नीदरलैंड के हेग से लेकर अमेरिका के बोस्टन तक संग्रहालयों में प्रदर्शित की गई थीं।

9. क्रोएशिया के डबरोवनिक के यहूदी संग्रहालय का टिकट, जिस पर नीले रंग में डेविड का सितारा अंकित है।

10. यह क्लिप किसी अख़बार या पत्रिका से ली गई कविता है। गूगल ने बताया कि यह कवि सर्बियाई-अमेरिकी लेखक है, जिसकी पिछले साल मृत्यु हो गई थी:

इससे शांत कुछ भी नहीं है

“धीरे-धीरे गिरती बर्फ से भी

हर परत पर झगड़ा

और यह सुनिश्चित करना

इससे कोई नहीं जागेगा।”

—चार्ल्स सिमिक


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