मामले से अवगत लोगों ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली सरकार गर्मी के मौसम में बढ़ते प्रदूषण स्तर से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में बैठक करेगी।

मंगलवार की सुबह कर्तव्य पथ पर धूल की मोटी चादर छाई रही। (अरविंद यादव/एचटी फोटो)

सूत्रों ने बताया कि ग्रीष्मकालीन कार्य योजना की समीक्षा और विकास के लिए होने वाली बैठक की अध्यक्षता पर्यावरण मंत्री गोपाल राय करेंगे और इसमें दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के साथ-साथ पर्यावरण, वन, विकास और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी भाग लेंगे।

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एचटी ने सोमवार को बताया था कि राजधानी में वायु प्रदूषण के खिलाफ ग्रीष्मकालीन कार्य योजना नहीं देखी गई थी, जबकि शहर में 1 मार्च से पिछले 102 दिनों में से 37 दिनों (लगभग 36%) में वायु गुणवत्ता सूचकांक “खराब” या “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया था। सरकारी अधिकारियों ने कहा था कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के कारण इस साल एक नई योजना की घोषणा करने में देरी हुई थी और जिसके लिए आदर्श आचार संहिता लागू थी।

दिल्ली सरकार द्वारा पिछले दो ग्रीष्मकाल में धूल और अन्य ग्रीष्म-संबंधी प्रदूषकों से निपटने के लिए ग्रीष्मकालीन कार्य योजना शुरू की गई थी।

राय ने कहा, “गर्मी के मौसम में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ सकता है। धूल, वाहनों से होने वाला प्रदूषण और आग लगने की घटनाएं इसमें योगदान करती हैं। समर एक्शन प्लान के जरिए हम कई अभियान चलाएंगे, ताकि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से राहत मिल सके। साथ ही, हम इन अभियानों में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, हम पड़ोसी राज्यों की सरकारों से भी अपील करेंगे कि वे हमारा सहयोग करें और प्रदूषण रोधी उपाय अपनाएं, ताकि न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे एनसीआर को प्रदूषण से मुक्ति मिल सके।”


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