दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने 50 साल के एक व्यक्ति और उसके 33 वर्षीय बेटे को गिरफ्तार किया है, जो दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में द्वारका के पास गोयला डेयरी के 200 से अधिक निवासियों को ठगने के बाद पिछले चार साल से फरार थे। फर्जी निवेश योजना के जरिए 7 करोड़ रुपये ठगे गए।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार पिता-पुत्र ने अपने पीड़ितों को पोंजी स्कीम में पैसा निवेश करने के लिए उकसाया था, जिसमें उच्च ब्याज रिटर्न का वादा किया गया था। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पुलिस ने बताया कि बेटे को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया गया और उससे पूछताछ के बाद उसके पिता को उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि दोनों संदिग्धों को घोषित अपराधी (पीओ) घोषित किया गया है। इनमें से प्रत्येक के विरुद्ध 25,000 रुपये का नकद इनाम घोषित किया गया था।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार पिता-पुत्र की जोड़ी ने अपने पीड़ितों को एक पोंजी योजना में पैसा लगाने के लिए धोखा दिया था, जिसमें उच्च ब्याज रिटर्न का वादा किया गया था। पुलिस ने बताया कि उन्होंने कुछ निवेशकों को ब्याज रिटर्न दिया, और उन्हें और अन्य लोगों को योजना में और अधिक पैसा लगाने के लिए धोखा दिया। जब पिता-पुत्र की जोड़ी ने लगभग 100 करोड़ रुपये जमा किए पुलिस ने बताया कि 200 से अधिक निवेशकों से 7 करोड़ रुपये ठगने के बाद उन्होंने उनकी चल-अचल संपत्ति बेच दी, उनके सेलफोन और सिम कार्ड नष्ट कर दिए और शहर छोड़कर भाग गए। चूंकि ठगी की रकम 7 करोड़ से अधिक थी। अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि 2 करोड़ रुपये की लूट के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406, 420 और 120 बी के तहत आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस उपायुक्त (अपराध) सतीश कुमार ने बताया कि अपराध शाखा की उत्तरी रेंज-2 टीम को हाल ही में सूचना मिली थी कि पिछले साल 3 फरवरी को घोषित अपराधी पिता-पुत्र ने पुणे में कहीं शरण ले रखी है। संदिग्धों का पता लगाने के लिए टीम पुणे पहुंची। टीम के सदस्यों ने 33 वर्षीय प्रसून पांडे का पता लगाया और उसे पुणे के बाकोरी के फेज 1 स्थित प्रिस्टीन सिटी में उसके किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया।

डीसीपी ने बताया, “हमने प्रसून से पूछताछ की और उसने बताया कि उसके पिता रविंदर कुमार पांडे लखनऊ में रहते हैं। इसके बाद एक और टीम लखनऊ गई और रविंदर को गिरफ्तार कर लिया। रविंदर का जन्म लखनऊ में हुआ था और वह नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था। उसने आजीविका के लिए कुछ छोटे-मोटे कारोबार किए। प्रसून के पास बीबीए की डिग्री है। रविंदर को पहले यूपी में गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था, जहां वह अपने अपराधियों की मदद कर रहा था। 2017 में रविंदर और उसके दो बेटों को दिल्ली के छावला में चोट पहुंचाने और मारपीट के मामले में गिरफ्तार किया गया था।”


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